नई दिल्ली : देशभर में एक बार फिर 2000 रुपये के नोट सुर्खियों में हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने ताजा आंकड़े जारी कर बताया कि 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू होने के डेढ़ साल बाद भी 5817 करोड़ रुपये मूल्य के ये नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं लौटे हैं। यह खुलासा उस वक्त हुआ है, जब अधिकांश लोग मान चुके थे कि ये नोट पूरी तरह से सिस्टम से गायब हो चुके हैं।
आरबीआई ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि 19 मई 2023 को जब 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की गई थी, तब इनकी कुल वैल्यू 3.56 लाख करोड़ रुपये थी। अब यह घटकर मात्र 5817 करोड़ रुपये रह गई है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, अब तक 98.37 प्रतिशत 2000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं।
नोट अब भी वैध, लेकिन छपाई बंद
आरबीआई ने साफ किया है कि 2000 रुपये के नोट अभी भी कानूनी मुद्रा हैं और किसी भी लेन-देन में इन्हें स्वीकार किया जा सकता है। हालांकि, इनकी छपाई पूरी तरह बंद कर दी गई है और बैंक इन्हें दोबारा जारी नहीं कर रहे हैं।
वापसी की सुविधा को आसान बनाने के लिए आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में 19 मई 2023 से ही इन नोटों को जमा या एक्सचेंज करने की व्यवस्था है। 9 अक्टूबर 2023 से यह प्रक्रिया और सरल कर दी गई। अब लोग इंडिया पोस्ट के माध्यम से अपने 2000 रुपये के नोट किसी भी आरबीआई कार्यालय में भेजकर अपने बैंक खाते में जमा करवा सकते हैं।
Alok Kumar Srivastava serves as the Chief Editor of Rashtra Darshan, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering political affairs, social issues, and regional developments.

