पखांजूर : नक्सल संगठन के शीर्ष कमांडर के सरेंडर के बाद बड़ा बयान सामने आया है। सुरक्षा बलों के अनुसार, इस वरिष्ठ नेता ने अपने सक्रिय साथियों से भी हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जंगलों में चल रही इस लड़ाई का सबसे बड़ा खामियाजा निर्दोष ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है, जिनके नाम पर संगठन हिंसा का औचित्य पेश करता रहा। अपने बयान में उन्होंने स्वीकार किया कि नक्सल संगठन के भीतर वैचारिक संकट गहराता जा रहा है और अब समय आत्ममंथन का है, न कि बंदूक उठाने का। उनका कहना है कि बदलाव की लड़ाई जनता के साथ मिलकर लोकतांत्रिक तरीके से लड़ी जानी चाहिए।
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सुरक्षा एजेंसियां इसे नक्सल आंदोलन में अब तक की सबसे बड़ी वैचारिक दरार मान रही हैं। उनका अनुमान है कि नेतृत्व के भीतर उपजे इस टकराव से आने वाले महीनों में संगठन काफी कमजोर हो सकता है। हाल ही में इस शीर्ष कमांडर ने लगभग 60 सक्रिय नक्सलियों के साथ आत्मसमर्पण किया।
वह नक्सल संगठन की सर्वोच्च नीति-निर्माण इकाई का सदस्य था और दंडकारण्य क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण जोन की जिम्मेदारी संभालता था। संगठन की एक प्रमुख मिलिट्री यूनिट का नेतृत्व भी उसी के पास था, जो अबूझमाड़ के घने जंगलों से संचालित होती थी।
Alok Kumar Srivastava serves as the Chief Editor of Rashtra Darshan, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering political affairs, social issues, and regional developments.

