रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों के हित में एक बड़ा निर्णय लिया है। अब राज्य के सभी सरकारी विभागों में पदोन्नति (Promotion) के दौरान दिव्यांग कर्मचारियों के लिए 3 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाएंगे। इस संबंध में शुक्रवार को सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) द्वारा एक महत्वपूर्ण परिपत्र जारी किया गया है। आदेश में सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि निशक्त व्यक्ति अधिनियम, 1995 की धारा 33 के तहत दिव्यांग व्यक्तियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ अनिवार्य रूप से दिया जाए।
1995 के अधिनियम के तहत मिला अधिकार
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि निशक्त व्यक्ति (Equal Opportunities, Protection of Rights and Full Participation) अधिनियम, 1995 की धारा 33 के अनुसार, सरकारी सेवा में दिव्यांग व्यक्तियों को पदोन्नति में आरक्षण का वैधानिक अधिकार प्राप्त है। भारत सरकार और कई राज्यों में पहले से ही यह व्यवस्था लागू है। अब छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इसे पूरी तरह लागू करने का निर्णय लिया है, ताकि राज्य के दिव्यांग कर्मचारियों को भी उनके अधिकार का लाभ मिल सके।
पूर्व के निर्देशों का नहीं हुआ था पालन
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुछ विभागों द्वारा पूर्व में जारी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा था, जिसके चलते दिव्यांग कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इस पर गंभीरता दिखाते हुए सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि 26 फरवरी 2014 को जारी परिपत्र का सभी विभाग अनिवार्य रूप से पालन करें। अब किसी भी विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया के दौरान दिव्यांग कर्मचारियों के लिए 3% पद सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।
सेवाकाल में केवल एक बार मिलेगा लाभ
जारी परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि दिव्यांग सरकारी सेवकों को सेवाकाल में केवल एक बार पदोन्नति में क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। अर्थात, किसी कर्मचारी को उसके पूरे सेवा जीवन में एक ही बार इस आरक्षण का लाभ प्राप्त हो सकेगा। यह व्यवस्था समानता और पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से लागू की गई है।
सरकार ने विभागों को किया सचेत
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी मुख्य सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिला कलेक्टरों को आदेश की प्रति भेजते हुए निर्देश दिया है कि पदोन्नति से संबंधित सभी प्रस्तावों और प्रक्रियाओं में आरक्षण की अनिवार्य जांच की जाए। जो भी विभाग इन प्रावधानों की अवहेलना करेंगे, उनके विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है। सरकार के इस निर्णय से राज्यभर में कार्यरत दिव्यांग कर्मचारियों में खुशी की लहर है। उनका कहना है कि यह निर्णय लंबे समय से लंबित था और अब जाकर सरकार ने उनके अधिकार को सुनिश्चित किया है। कर्मचारियों ने इसे समावेशी शासन और समान अवसर की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
Alok Kumar Srivastava serves as the Chief Editor of Rashtra Darshan, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering political affairs, social issues, and regional developments.

