रायगढ़: शास्त्रों को ताक पर रखकर जब भी कोई कार्य किया जाता है, तो अधिकांशतः परिणाम नकारात्मक मिलते हैं. ऐसी ही एक घटना छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में घटी, जब शास्त्रों में कही गई बातों की अनदेखी की गई. पितृ पक्ष में रविवार रात मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना के लिए लाई जा रही थी. लेकिन देवी की मूर्ति में अचानक आग भड़क उठी. इस घटना को लेकर शास्त्रविदों का मानना है कि यह दैविय शक्ति द्वारा दी गई एक चेतावनी या संकेत थी. मानो माता रुष्ठ हो गई हों.
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शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष का समय पितरों (पूर्वजों) को समर्पित होता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य या बड़े धार्मिक अनुष्ठान नहीं किये जाते. हिन्दू धर्म के अनुसार इस समय खुशियां नहीं मनाई जाती, क्योंकि यह समय श्राद्ध का समय होता है. ऐसे में मां दुर्गा की मूर्ति को स्थापना के लिए लेकर आना और भव्य स्वागत करते समय हुई घटना ने सभी को शास्त्रों के नियमों पर विचार करने को मजबूर कर दिया है. साथ ही इस घटना का वीडियों भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.
जानकारी के अनुसार, खरसिया ब्लॉक के वार्ड नंबर 11 में दुर्गोत्सव समिति द्वारा नवरात्रि की तैयारियों के चलते मां दुर्गा की प्रतिमा लाई जा रही थी. माता के आगमन में श्रद्धालु बड़ी संख्या में उनका धूम-धाम से स्वागत करने पहुंचे थे. इसी बीच माता की मूर्ति में अचानक ही आग लग गई.
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आतिशबाजी के चलते लगी आग
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी की गूंज के बीच निकली चिंगारी ने प्रतिमा की साड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते आग तेजी से फैलने लगी और मौके पर भगदड़ का माहौल बन गया. घटना के दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए पानी और कपड़ों की मदद से आग पर काबू पाया.
Alok Kumar Srivastava serves as the Chief Editor of Rashtra Darshan, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering political affairs, social issues, and regional developments.

